कोविड-19 की आड़ में बेचा जा रहा नकली सामान: यूएन रिपोर्ट


एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोविड-19 के प्रकोप से ग्रसित है तो दूसरी ओर इसकी आड़ में कुछ लोग अपने निजी फायदे के लिए सेफ्टी इक्‍यूपमेंट्स के नाम पर खराब सामान बनाकर बेच रहे हैं। ये खुलासा संयुक्त राष्ट्र के एक ताजा अध्ययन की एक रिपोर्ट से हुआ है। इसमें कहा गया है कि दुनिया भर में कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिये जैसे-जैसे चिकित्सा उपकरणों की मांग बढ़ी है वैसे-वैसे इनको लेकर होने वाले धोखाधड़ी के भी मामले बढ़े हैं। इस रिसर्च में ये भी पाया गया है इस दौरान नकली और खराब क्‍वालिटी वाले सामान को बेचने की कई कोशिशें हुई हैं।


यूएन ऑफिस ऑफ ड्रग्‍स एंड क्राइम की कार्यकारी निदेशक घाडा वेली ने साफतौर पर उन लोगों पर निशाना लगाया है जो लोग इस तरह का गंदा काम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि आपराधिक तत्व कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति का गैर-वाजिब फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे लोगों का स्वास्थ्य और जिंदगियां खतरें में पड़ रही हैं। ऐसे लोग लोगों के डर और उनकी चिंताओं के बीच पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स की बढ़ती मांग को अपने फायदे के लिए इस्‍तेमाल कर रहे हैं। इसमें ये भी कहा गया है कि इस महामारी ने इन उत्पादों के उत्पादन और बिक्री के लिये बनाए गए नियामक व अन्य कानूनी ढांचे में मौजूद कमियों को उजागर कर दिया है।


इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मनी के स्वास्थ्य अधिकारियों ने डेढ़ करोड़ यूरो की कीमत वाले फेस मास्क खरीदने का एक ठेका स्विटजरलैंड और जर्मनी की दो कंपनियों को दिया था। बाद में पता चला कि ये ठेका एक ऐसी फर्जी वेबसाइट के जरिए लिया गया जो स्पेन की एक कंपनी की नकल करके बनाई गई थी। वेली ने इस तरह की धोखाधड़ी उजागर होने पर लोगों को सुरक्षित रखने के लिए उनमें जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाने पर बल दिया है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए खामियों को दूर करने, कानून लागू करने और आपराधिक न्याय की क्षमता बढ़ाने के लिये देशों को आपस में और ज्‍यादा सहयोग करने के लिये प्रोत्साहित करना होगा।