वैक्सीन वितरण को लेकर पीएम मोदी ने दिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश


कोरोना के वैक्सीन के जल्द ही उपलब्ध होने की संभावना को देखते हुए मोदी सरकार इसके वितरण का खाका बनाने में जुट गई है। इस सिलसिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक कर देश और दुनिया में कोरोना के वैक्सीन के विकास की जानकारी ली और साथ ही टीके के उपलब्ध होने के तत्काल बाद बड़े पैमाने पर टीकाकरण के अभियान की कार्य योजना को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। इस कार्ययोजना के अनुरूप टीकाकरण में हेल्थ केयर वर्कर्स, कोरोना योद्धाओं और संवेदनशील लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। 


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों ने कोरोना के विभिन्न टीकों के विकास की मौजूदा स्थिति का ब्यौरा दिया। प्रधानमंत्री को बताया गया कि हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक के देशी वैक्सीन के साथ-साथ पूरी दुनिया में 140 से अधिक वैक्सीन ट्रायल के विभिन्न फेज में है। आइसीएमआर की मदद से विकसित भारत बायोटेक का मानव पर फेज-एक और दो के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी मिल गई है और यह जुलाई में शुरू हो जाएगा। 


वहीं आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और मोडेरना द्वारा तैयार वैक्सीन की 30-30 हजार लोगों पर तीसरे फेज का क्लीनिकल ट्रायल जुलाई में शुरू हो रहा है। तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल में सफल रहने वाले टीके के सितंबर तक हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक बार वैक्सीन को हरी झंडी मिलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती उसके वितरण की होगी। पूरी दुनिया में कम-से-कम 400 करोड़ वैक्सीन की तत्काल जरूरत पड़ेगी। सारे संसाधन झोंक दिये जाने के बावजूद इतने वैक्सीन को बनाने का लक्ष्य 2022 के पहले पूरा करना संभव नहीं होगा। वैसे वैक्सीन कोई भी विकसित करे, दुनिया के 70 फीसद से अधिक वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत को तत्काल वैक्सीन मिलने में समस्या नहीं होगी। 


प्रधानमंत्री के साथ बैठक में वैक्सीन की उपलब्धता के अनुरूप उसके वितरण और सभी लोगों के लिए सर्वसुलभ बनाने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर जारी बयान के मुताबिक पीएम मोदी ने वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चार बिन्दुओं की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। उनके अनुसार हेल्थ केयर वर्कर्स, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले कर्मियों के साथ-साथ बुर्जुगों और गंभीर बीमार ग्रसित व्यक्तियों को सबसे पहले वैक्सीन दिया जाना चाहिए। कार्ययोजना का दूसरा बिंदु यह होना चाहिए कि हर व्यक्ति को जहां वह है, वहीं वैक्सीन दिया जाना चाहिए। कहीं भी वैक्सीन लगाने में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दिये जाने जैसी स्थिति नहीं होनी चाहिए।