बीते दिनों ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण फिर से चांगथांग हिमखंड सक्रिय हो गया है। हिमखंड का भारी हिस्सा बीते मंगलवार की शाम को गंगोत्री हाईवे तक पहुंचा। फिर बुधवार को भी भारी मात्रा में हिमखंड टूटा। जिससे हाईवे बंद हो गया है। हाईवे को सुचारु करने में बीआरओ की टीम जुटी हुई है। शुक्रवार की सुबह तक हाईवे के सुचारु होने की उम्मीद है।
हर्षिल के प्रधान दिनेश रावत ने कहा कि पांच दिन पहले हर्षिल, मुखवा, झाला, पुराली, सुक्की क्षेत्र में बर्फबारी हुई। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी भारी बर्फबारी हुई। बीते मंगलवार की शाम को हिमखंड टूटा। जिससे गंगोत्री हाईवे बंद हुआ। फिर बुधवार को चटक धूप खिली तो हिमखंड और सक्रिय हुआ। बुधवार को चांगथांग के पास करीब 20 मिनट तक हिमखंड टूटकर गिरता रहा। जिससे हाईवे बंद हुआ। इससे गंगोत्री गए वन विभाग और मंदिर समिति के कर्मचारियों को भी फंसना पड़ा। अपने वाहनों को वहीं छोड़कर पैदल ही हर्षिल आना पड़ा।
बीआरओ के आफिसर कमांडिंग मेजर अविनाश शर्मा ने बताया कि गंगोत्री हाईवे पर हर्षिल से छह किलोमीटर गंगोत्री की ओर चांगथांग स्थान पर भारी हिमखंड टूटने के कारण हाईवे बंद हुआ है। बीते बुधवार को हाईवे खोलने का प्रयास किया गया। लेकिन, फिर से हिमखंड टूटा है। बीआरओ की टीम हाईवे खोलने में जुटी हुई है। इसके अलावा गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के पास भी भूस्खलन हुआ। जिससे हटाकर हाईवे सुचारु कर दिया है।
बांसवाड़ा के पास चट्टान टूटने से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पूरे दिन बंद रहा। इसके चलते केदारघाटी के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूíत नहीं हो सकी। वहीं एनएच लोनिवि की ओर से हाईवे खोलने का काम किया जा रहा है। हालांकि मलबा अधिक होने के चलते हाईवे खोलने में देरी हो रही है। बुधवार सुबह साढ़े छह बजे रुद्रप्रयाग से 25 किमी आगे डेंजर जोन बांसबाड़ा में भारी-भरकम चट्टान टूटने से गौरीकुंड हाईवे पर बंद हो गया। हाईवे पर कई घंटे तक चट्टान बरसते रहे, इसके चलते हाईवे पूरी तरह से मलबे से ढंक गया है। हाईवे बंद होने के चलते वाहन बांसवाड़ा में फंस गए, जिसके चलते आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पाई।