मध्य प्रदेश में 25 मार्च को ली जाएगी सीएम पद की शपथ


मध्य प्रदेश में भाजपा ने नई सरकार बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसमें नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के इस्तीफे के बाद नए नेता यानी मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व ने विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्घे को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। संभावना है कि केंद्रीय पर्यवेक्षक हाईकमान द्वारा तय नेता के नाम पर विधायक दल की बैठक में मुहर लगवाएंगे। इसके बाद विधायक दल के नेता राज्यपाल लालजी टंडन के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।


आज शाम भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार बहुमत खो चुकी है, ऐसी स्थिति में कोई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसला लेना का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को नहीं है।  लेकिन वो लगातार दबाव डाल रहे हैं कि श्री शरद कोल का इस्तीफा स्वीकार किया जाए, यह पक्षपातपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि  आज राज्यपाल से हमने प्रार्थना की है कि ऐसी स्थिति में वो हस्तक्षेप करें और विधानसभा अध्यक्ष को इस तरह के गलत निर्णय जिनको लेने का अधिकार उनको नहीं है, उनको रोकें।


माना जा रहा है कि देश में कोरोना के बढ़ते असर और रविवार को 'जनता कफ्र्यू' के कारण विधायक दल की बैठक टाल दी गई। पार्टी की रणनीति के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो 25 मार्च को नई सरकार का शपथ ग्रहण भी हो सकता है। इसी दिन नवरात्र पूजा की शुरुआत भी हो रही है। मुख्यमंत्री पद के लिए स्वाभाविक तौर पर सबसे आगे शिवराज सिंह चौहान का नाम चल रहा है। पार्टी नेताओं की मानें तो 'मामा' के नाम से मशहूर शिवराज ही मप्र में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा की नैया पार लगा सकते हैं। यही वजह है कि अभी वह सीएम की दौड़ में सबसे आगे हैं। यह भी माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थन चौहान के साथ ही रहेगा।