कानून मंत्रालय ने दी वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की अनुमति


कानून मंत्रालय ने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की अनुमति दे दी है। चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को अगस्त 2019 में इस तरह का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मान लिया है। चुनाव आयोग ने कहा था कि 12 नंबर वाले आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने के लिए उसे कानूनी अधिकार चाहिए। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इन आंकड़ों को हैक, कॉपी या फिर चोरी से बचाने के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठाएगा।  आधार से वोटर आईडी कार्ड के लिंक होने से फर्जी वोटरों पर लगाम लगेगी। इससे बोगस वोटरों पर अंकुश लगेगा देश भर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियां ने भी अगस्त में हुई बैठक में आधार से वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने पर सहमति जताई थी। 


चुनाव आयोग ने 12 दिसंबर को पत्र लिखकर कहा कि उसने इस तरह के डाटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की हैं। आयोग ने कहा कि वो आवेदन के वक्त ही दो तरह से डाटा को वैलिडेट करेगा। किसी भी तरह से आधार का डाटा वोटर डाटाबेस में नहीं जाएगा। आधार संख्या का इस्तेमाल केवल सत्यापन के लिए किया जाएगा। इसके लिए अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। सर्वर के लिए कई चरणों की सुरक्षा व्यवस्था है, जिसमें एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, फायरवॉल, आईपीएस और एंटी वायरस का इस्तेमाल किया गया है। जो भी डाटा शुरुआत में मिलेगा, उसको किसी भी व्यक्ति को उपलब्ध कराने, ट्रांसफर करने, वितरण करने, ट्रांसमिशन करने या फिर सर्कुलेशन करने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।