बिहार में वायु प्रदूषण की स्थिति को बढ़ता हुए देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने 15 साल से अधिक पुराने सरकारी व व्यावसायिक वाहनों के चलने पर रोक लगा दी है। साथ ही निजी वाहनों को भी प्रदूषण जांच करानी होगी । राज्य सरकार ने प्रदूषण पर रोक के लिए और भी कई बड़े फैसले लिए हैं। ये सभी फैसले आने वाली सात नवंबर से लागू हो जाएंगे।
राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मुख्यमंत्री की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में डीजल वाहन चल रहे हैं। पटना में प्रदूषण की ये भी बड़ी वजह है। विशेष रूप से ऑटो रिक्शा और कुछ सिटी बसों में ऐसा हो रहा है। इसके लिए सख्ती से जांच अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सूबे के सभी ईंट-भट्ठों की जांच कर यह देखने का भी आदेश दिया कि वे प्रदूषण नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैैं या नहीं।
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार यह भी सुनिश्चित करना है कि शहर से कचरा उठाने वाले वाहन ढंककर ही डंपिंग यार्ड तक ले जाए जाएं। मुख्यमंत्री ने पुराने डीजी सेट को पूरी तरह से प्रतिबंधित किए जाने को सख्त कार्रवाई का भी निर्देश दिया। बैठक में पुआल जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने का भी निर्णय लिया गया। किसानों को पुआल जलाने पर कृषि से संबंधित सब्सिडी नहीं दी जाएगी। फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए उसे जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोडऩा होगा।